Tuesday 18 February 2020

ग्रीनमेन श्री नरपतसिंह जी लंगेरा संक्षिप्त परिचय।


प्रिय मित्रों आज की पोस्ट बहुत खास है जीवन परिचय की कड़ी में हम आज लेकर आए हैं एक ऐसी शख्शियत का परिचय लेकर आये है जिनके जैसे इस जगत में बहुत कम है या यूं कहें गिनती के लोग ही है । जी हां आज पर्यावरण के प्रति महान सोच और जज्बा रखने वाले पर्यावरण प्रेमी जीव प्रेमी और साईकलिस्ट श्री नरपतसिंह जी राजपुरोहित लंगेरा का जीवन परिचय वैसे आज यह किसी परिचय के मोहताज नहीं देश ही नहीं विदेशों में भी आ जिनके चर्चे हैं कई सम्मान प्राप्त कर चुके हैं साथी इन्होंने अपना पिछला रिकॉर्ड तोड़ते हुए नए कीर्तिमान रिकॉर्ड स्थापित किए हैं जानेंगे इनके जीवन के बारे में हमारी इस छोटी सी पोस्ट में आज का पोस्ट शुरू करते हैं 
इस जीवन परिचय को लिखने के लिए भाई श्री नरपत सिंह राजपुरोहित हृदय जी का तहे दिल से धन्यवाद और आभार प्रकट करते हैं आपको बता दें नरपत सिंह राजपुरोहित राजपुरोहित समाज इंडिया के एडमिन है और आपने कई समाज कवि के जीवन परिचय लिखे हैं। जिन्हें आप पढ़ सकते हैं राजपुरोहित इंडिया पेज पर जाकर..... 

ग्रीनमेन श्री नरपतसिंह जी लंगेरा संक्षिप्त परिचय।

13 फरवरी 1987 को नरपतसिंह जी का जन्म गांव लंगेरा कोजानियों की ढाणी जिला बाड़मेर में श्री करणसिंह जी के घर हुआ । 
बचपन से ही पर्यावरण के प्रति अत्यंत प्रेम रखने वाले नरपतसिंह जी का यह कार्य उस समय जुनून बन गया जब विद्यालय के शिक्षक महोदय ने कहा कि जो विद्यार्थी बरसात के मौसम में पौधों को लाकर स्कूल में रोपेगा और उनकी सेवा और निगरानी करेगा उसको मैं चॉकलेट दूंगा। 
उस दिन से आप पर्यावरण के प्रति लगातार सजग है और विभिन्न क्षेत्रों में जाकर पौधे लगाते है और लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाते है ।
मिठाई की दुकान पर 9000 रूपये प्रति महीना की नोकरी करने वाले नरपतसिंह जी 5000रुपये घर पर देते है और 4000 रुपये पर्यावरण के कार्यों में खर्च करते है। 
आपने अपनी बहन की शादी में उसको 251 पौधे उपहार स्वरूप देकर तथा सभी बारातियो को भी एक एक पौधा उपहार देकर पर्यावरण प्रेम का बहुत ही सुंदर सन्देश दिया। 
आप पिछले चार-पांच सालों में जोधपुर जैसलमेर ,बाड़मेर जयपुर एवम टोंक के विभिन्न सार्वजनिक स्थानों एवम स्कूलों में लगभग 84000 से भी ज्यादा पौधों का पौधारोपण कर चुके है ।
आप ने पशु पक्षियों के लिए अब तक 30 पानी की कुंडियाँ , 1600 परिंडे विभिन्न क्षेत्रों में लगाये है ।
इस दौरान आपने 121 राजस्थान के राज्य पशु चिंकारा को बचाया , 3 मोर , 5 मोरनी , 1बाज ,4 खरगोश तथा 2 नीलगाय को भी बचाया ।
अबोल जीवों की हत्या करने वाले दो शिकारियों को भी पकड़वाया है। 
आपने "हरित भारत हर्षित भारत मिशन " के तहत कश्मीर से लेकर गुजरात के कच्छ तक 4000 किलोमीटर की साइकिल यात्रा करके छः राज्यों में पर्यावरण एवम अबोल जीवों के प्रति प्रेम की जागरूकता बताई। 
इस यात्रा को पूर्ण कर आपने विभिन्न सरकारी कार्यालयों में पौधे बांटें ।
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में जहां हम पर्यावरण के प्रति सोच भी नहीं पाते है वहीं श्री नरपतसिंह जी पर्यावरण के लिए अथक प्रयास करते हुए पर्यावरण के बिगड़ते हुए हालातों पर चिंता व्यक्त करते हुए दिखते है। 

आपने जम्भू कश्मीर से पिछले साल से पर्यावरण सद्भावना एवम जल सरंक्षण को लेकर विश्व की सबसे लंबी साईकिल यात्रा शुरुआत की है ।
पिछले एक साल से साईकिल यात्रा के दौरान भी लगभग दो हजार पौधे लगा चुके है। पर्यावरण के प्रति इनके इस अटूट प्रेम के कारण ही इन्हें ग्रीनमेन भी कहा जाता है।

ये साईकिल यात्रा जम्भू कश्मीर से शुरू होकर हिमाचल प्रदेश , उत्तराखण्ड , पंजाब , हरियाणा ,उत्तरप्रदेश , मध्यप्रदेश , राजस्थान , गुजरात , महाराष्ट्र , गोवा और कर्नाटक से होते अभी केरल में यात्रा करते हुए लगभग 20000+किलोमीटर की यात्रा कर चुके है ।
इस यात्रा के दौरान आपने किसी भी एक देश मे सबसे लंबी साईकिल यात्रा के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है ।
नरपतसिंह जी से पहले ये रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के बेन वुड्स (सिडनीमेन) के नाम था।  
इसके अलावा लन्दन के एक और रिकॉर्ड को तोड़ा है ।  
नरपतसिंह जी का अगला लक्ष्य विश्व की सबसे लंबी यात्रा के रिकॉर्ड को वर्ल्ड रिकॉर्डस ऑफ लिम्का बुक में अंकित करवाना है ।
ये पूरे राजस्थान ही नहीं, पूरे राजपुरोहित समाज ही नहीं बल्कि पूरे हिंदुस्तान के लिये गर्व करने योग्य अवसर है ।

मित्रों नरपतसिंह जी लंगेरा एक साधारण परिवार से आते है लेकिन उनका जज़्बा उनका जोश, उनका जुनून बहुत ही असाधारण है । आपको जानकर आश्चर्य होगा नरपतसिंह जी रोज 100-130 किलोमीटर की साईकिल यात्रा करते है। 

 श्री नरपतसिंह जी लंगेरा को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं आपके इस मंगलमय यात्रा के लिए आप  परिवार और समाज का नाम रोशन कर रहे हैं गुरु महाराज से यही कामना करता हूं  कि आप ऐसी लगन के साथ काम करते रहे और समाज का नाम रोशन करते रहे........ सुगना फाउंडेशन परिवार राजपुरोहित  समाज इंडिया टीम 😊

 पोस्ट By कवि और भाई श्री नरपत सिंह राजपुरोहित हृदय द्वारा लिखा गया है rajpurohit_samaj_india_टीम

Sunday 9 February 2020

Bhajan kalakar Vijay Singh Rajpurohit ka Jivan Parichay.

स्वागत है आपका एक बार फिर से आप ही के मनपसंद ब्लॉग पर जिसमें हम लेकर आते हैं समाज से जुड़े साधारण और वशिष्ठ व्यक्तित्व के जीवन परिचय को और इसी कड़ी में हम आज आपके बीच लेकर आए हैं भजन कलाकार श्री विजय सिंह राजपुरोहित आइए जानते हैं उनके जीवन के बारे में हमारे इस विशेष पोस्ट के जरिए।


नाम:- विजय सिंह राजपुरोहित
जन्म:- 11.12.1996
पिता का नाम :- श्रीमान शैतान सिंह राजपुरोहित 
माता जी का नाम:- श्रीमती भगवती देवी
गांव का नाम:- कोरणा , तहसील पचपदरा, कल्याणपुर, 
जिला:- बाड़मेर

 भजन कलाकार और मेरे परम मित्र विजय सिंह राजपुरोहित का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ अभी आप जोधपुर में रहते हैं और जोधपुर में ही अपनी पढ़ाई पूरी की है इनका बचपन से ही एक सपना था एक भजन कलाकार बनना और देशभक्ति गीतों को गाना व आपने अपनी स्कूल लाइफ में भी  26 जनवरी और 15 अगस्त में पर कार्यक्रमों में भाग लिया  लेकिन स्कूल लाइफ के पूरे हो जाने के बाद आप प्राइवेट जॉब और प्राइवेट पढ़ाई और इन को लगने लगा कि वह संगीत की दुनिया से बहुत दूर जा रहे हैं  लेकिन अपने सपने को पूरा करने के लिए आपने पूरी मेहनत की जोधपुर में अपनी पढ़ाई के साथ-साथ आपने गायकी करना शुरू किया और जागरण में जाना भजनों को सुनना और उन्हें गाना अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाया।

    विजय सिंह बताते हैं एक बार जब मैं खेतेश्वर जयंती में जोधपुर पहुंचा मैंने भजन कलाकार श्रीमान उदय सिंह राजपुरोहित का भजन सुना उसी दिन दिल में लग गया कि मुझे भी एक दिन इन्हीं के जैसा एक भजन कलाकार बनना है उस दिन उन्होंने भजन कलाकार श्रीमान उदय सिंह राजपुरोहित के सामने अपनी इच्छा जाहिर की और उनको कहा कि मुझे भी आप ही की तरह एक भजन कलाकार बनना है इस पर उदय सिंह जी ने कहा बहुत अच्छी बात है उस दिन से आपने मेहनत में कोई कमी नहीं रखी दिन रात मेहनत की और एक अच्छे भजन कलाकार के रूप में उभरे आपने उदय सिंह राजपुरोहित को अपना संगीत गुरु माना और उन्हीं की प्रेरणा से आगे बढ़ते रहे और उनके के साथ जाना और उनके पीछे पीछे भजनों को गाना शुरू किया और धीरे-धीरे अभ्यास करते रहे और आज समाज में एक अच्छे भजनकार के रूप में आप ने जगह बनाई। और जो कुछ भी हूं या जो कुछ भी बना हू वह गुरु महाराज श्री खेतेश्वर महाराज व श्री तुलछारामजी महाराज का आशीर्वाद है। मेरे गुरु श्रीमान उदय सिंह राजपुरोहित का साथ है और उन्हीं के साथ रहकर आगे भी समाज का नाम रोशन करुंगा।


    आज आप राजपुरोहित समाज के छोटे बड़े सभी कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं आज राजस्थान ही नहीं राजस्थान के बाहर भी आपने कहीं बड़े आयोजनों का हिस्सा बने जिसमें बेंगलुरु, सूरत, मुंबई और हैदराबाद आदि कार्यक्रम शामिल है आपने गुरु महाराज संत श्री खेतेश्वर महाराज पर कई भजन गए हैं शादी विवाह आदि समारोह के मौके पर आपने विशेष संकला भी शुरू की है आज समाज में आपकी एक विशिष्ट पहचान है  सुगना फाउंडेशन मेघलासियां परिवार और राजपुरोहित समाज इंडिया टीम आपके उज्जवल भविष्य की कामना करती हैं आप इसी प्रकार संगीत की दुनिया में परिवार और समाज का नाम रोशन करें ऐसी कामना करते हैं।


अब चलते चलते यूट्यूब से सुनिए यह फर्स्ट गाना जो कि पूज्य गुरु महाराज संत श्री खेतेश्वर महाराज पर गाया गया है विजय सिंह द्वारा....... और हाल ही में एक और भजन प्रस्तुत किया गया जो कि प्रियंका राजपुरोहित और विजय सिंह द्वारा संयुक्त रूप से गाया गया।
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अगर आप भजन कलाकार विजय सिंह राजपुरोहित से आमंत्रित करना चाहते हैं या किसी कार्यक्रम में बुलाना चाहते हैं तो इनका कांटेक्ट नंबर ये 8078601499 है 

और इसी के साथ मुझे दीजिए इजाजत मिलते हैं किसी और जीवन परिचय के साथ अगर आप भी देना चाहते हैं समाज अपना जीवन परिचय इस ब्लॉग के माध्यम से या समाज से जुड़ी कोई न्यूज़ या कोई विज्ञापन तो मुझसे संपर्क करें मेरे व्हाट्सएप नंबर पर मेरा व्हाट्सएप नंबर है 92864 64911 

आपका अपना दोस्त सवाई सिंह राजपुरोहित मीडिया प्रभारी सुगना फाउंडेशन और आरोग्यश्री समिति आगरा